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अरुणाभ सौरभ

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जन्म;09 फरबरी 1985 बिहार के सहरसा जिला के चैनपुर गाँव में. शिक्षा;प्रारभिक शिक्षा ननिहाल में.फिर भागलपुर और पटना में. बी.ए. आनर्स  (हिंदी),  एम ए(हिंदी) बनारस हिन्दू  यू निवर्सिटी, बी.एड.  जामिया मिल्लिया इस्लामिया,नई दिल्ली  शिक्षा में एम .ए ;टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोसल साइंस मुंबई  हिंदी की लम्बी कविताओं का समाज शास्त्रीय  अध्ययन विषय पर पी-एच. डी. उपाधि हेतु शोधरत. प्रकाशित रचनाएं...वागर्थ,वसुधा,वर्तमान साहित्य,सर्वनाम,बया,पक्षधर,कल के लिए,युवा संवाद,संवदिया,समसामयिक सृजन,जनपथ,रू,कथोपकथन,हिंदुस्ता न,दैनिक जागरण,सेंटिनल आदि प्रतिष्ठित पात्र पत्रिकाओं में कवितायें प्रकाशित. समसामयिक सृजन ,पाखी, युवा संवाद,सेंटिनल,प्रभात खबर,परिंदे,सम्प्रति पथ,आदि में आलेख एवं समीक्षा प्रकाशित,. मातृभाषा मैथिली में भी समान गति से लेखन. असमिया की कुछ  वि शिष्ट  रचनाओं का मैथिली एवं अंग्रेजी में अनुवाद. मैथिली कविता संग्रह..एतवे टा नहि २०११ मैथिली में बहुचर्चित. हिंदी में कोसी की नई ज़मीं पुस्तक के पहले खंड में कई कवितायें. रंगकर्म,साहित्यिक आयोजन,यात्रा

अमित सिंह

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- अमित कुमार   सिंह जन्म : जन. १९८३, डुमरांव, जिला-बक्सर , बिहार   शिक्षा : कशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी एच डी सम्प्रति : अध्यापन          हिंदी विभाग,गुरु घासीदास विश्वविद्यालय          बिलासपुर,छOOOrarग. मोबाइल : 09770565788, 07587036695   पहली बार पर हमने एक नया स्तम्भ शुरू किया है जिसमें एक कवि की कवितायें दूसरे कवि की टिप्पणी के साथ प्रस्तुत की जा रही है. स्तम्भ की तीसरी कड़ी के अंतर्गत प्रस्तुत है नवोदित कवि अमित सिंह की कवितायें. अमित की कविताओं पर टिप्पणी की है युवा कवि रविशंकर उपाध्याय ने. प्रेम और विश्वास के अकूण्ठ जिद की कविताएँ    कविता मनुष्य की मुक्ति का आख्यान रचती है, लेकिन यह मुक्ति मोक्षकामी नहीं होती। यह जीवन को पाना है उसके समस्त मल्यों के साथ। सुख-दुःख, राग-द्वैष, हानि-लाभ से गुजर कर ही जीवन और कविता दोनों पूर्ण होते है। जिस तरह जीवन में हर क्षण आह्लादक, सुखदायी और सुन्दर ही नहीं होता है उसी तरह कविता में भी हर पल वसंत का गान ही नहीं सुनाई पड़ती बल्कि पतझड़ के अंतिम पत्ते के टूटने की टीस भी होती है।     जीवन और कविता दोनो