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शिवानन्द मिश्र की नववर्ष पर कविताएँ

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  शिवानन्द मिश्र युवा कवि हैं । आज जब उनसे मेरा मिलना हुआ तो उन्होंने नव वर्ष पर लिखी गयी अपनी कुछ पंक्तियाँ सुनाई जिसके लिखने की शुरुआत उन्होंने वर्ष २००४ से किया था । तब से वे अनवरत नव वर्ष पर कुछ न कुछ लिखते रहे हैं। वर्ष २०१३ में शिवानन्द ने दो कविताएँ लिखी थीं । इन समस्त कविताओं को एक साथ प्रस्तुत करने का मेरा आशय यह था कि देखा जाय कि एक कवि अपने लेखन के प्रारम्भिक वर्षों में किस तरह अपना रचनागत विकास करता है । पहली बार के सभी रचनाकारों, पाठकों और शुभेच्छुओं को नव वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए हम प्रस्तुत कर रहे हैं शिवानन्द की ये कविताएँ।       2004 बीते दिन गये सौंप कर , कुछ खट्टे-मीठे पल ।   उनसे भी अच्छा होगा , वो आने वाला पल । जो हुईं गलतियाँ फिर ना हों , ऐसा अपना प्रयास रहे । नव शिखर चढ़ें नूतन राहों , पर चलने का उल्लास रहे । निज कर्म कुशल करते जाएं , चाहे जो भी आए प्रतिफल । 2005 वर दो प्रभु ऐसा कर्म करूँ , यह नया वर्ष बीते हर्षित ।   उपमेय नहीं उपमान बनूँ , हों स्वजन मेरे मुझपर गर्वित । अधुनातन कर