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अंजू शर्मा की कहानी 'गली नंबर 2'

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अंजू शर्मा अंजू शर्मा ने इधर कविता के साथ-साथ कहानियाँ लिखने में भी अपने हाथ आजमाएँ हैं और कुछ बढियाँ कहानियाँ लिखी हैं । इनकी हालिया लिखी कहानी है 'गली नम्बर दो' जिसमें जिंदगी के एकान्त से जूझते हुए आखिर एक दिन भूपी की जिंदगी प्यार के रंग में इस कदर रंग जाती है कि उसे सब बदला-बदला नजर आता है । यह दुनिया और इसका कतरा-कतरा उसे नया और सुन्दर महसूस होने लगता है । तो आइए पढ़ते हैं अंजू शर्मा की यह कहानी ।       गली नंबर 2    अंजू शर्मा " पुत्तर छेत्ती कर , वेख , चा ठंडी होंदी पई ए।"   बीजी की तेज़ आवाज़ से उसकी तन्द्रा भंग हुई। रंग में ब्रश डुबोते हाथ थम गए। पिछले एक घंटे में यह पहला मौका था , जब भूपी ने मूर्ति , रंग और ब्रश के अलावा कहीं नज़र डाली थी। चाय सचमुच ठंडी हो चली थी। उसने एक सांस में चाय गले से नीचे उतारते हुए मूर्तियों पर एक भरपूर नज़र डाली। दीवाली से पहले उसे तीन आर्डर पूरे करने थे। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों से घिरा भूपी दूर बिजली के तार पर अठखेलियाँ करते पक्षियों को देखने लगा।   हमेशा की तरह आज भी एक आवारा-सा ख्याल सोच के वृक्ष की